नई दिल्ली, 16 मई
ईजमाईट्रिप के संस्थापक निशांत पिट्टी ने शुक्रवार को प्रतिद्वंद्वी ऑनलाइन ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी दिग्गज मेकमाईट्रिप पर भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों के ट्रैवल डेटा को खतरे में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि "मेकमाईट्रिप के आधे बोर्ड - 10 में से पांच निदेशकों का चीन से सीधा संबंध है, जिसमें ट्रिप डॉट कॉम द्वारा की गई महत्वपूर्ण नियुक्तियां भी शामिल हैं, जो चीनी स्वामित्व वाली कंपनी है"।
पिट्टी के अनुसार, "मेकमाईट्रिप में चार सबसे रणनीतिक बोर्ड समितियों में से तीन का नेतृत्व या तो ऐसे निदेशकों द्वारा किया जाता है, जिनका स्पष्ट रूप से चीनी संबंध है, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों पर असंगत प्रभाव मिलता है"।
उन्होंने एक बयान में कहा, "मेकमाईट्रिप इसे 'प्रेरित आरोप' बताकर खारिज कर सकता है, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर हो, तो चुप रहना कोई विकल्प नहीं है।" ईजमाईट्रिप के संस्थापक ने आगे बताया, "14 मई 2025 को नए निदेशक की नियुक्ति से बहुत कम बदलाव होगा। बोर्ड में एक भी फेरबदल चीनी समर्थित प्रभाव की गहरी जड़ें नहीं छिपा सकता, जो बोर्ड और समिति की गतिशीलता को आकार देना जारी रखता है।"
पिट्टी ने पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया था कि "भारतीय सशस्त्र बल चीन के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के माध्यम से रियायती टिकट बुक करते हैं, जिसमें रक्षा आईडी, मार्ग और तारीख दर्ज की जाती है। हमारे दुश्मन जानते हैं कि हमारे सैनिक कहां उड़ रहे हैं"।
उन्होंने मेकमाईट्रिप प्लेटफॉर्म के स्क्रीनशॉट भी संलग्न किए, जिसमें दिखाया गया है कि सेना के अधिकारियों को एक विशेष किराया मिलता है, जिसका लाभ उठाने के लिए उन्हें अपना रक्षा आईडी प्रदान करना होता है। उन्होंने कहा, "इस खामी को उजागर करने वाले स्क्रीनशॉट संलग्न कर रहा हूँ - इसे अभी ठीक किया जाना चाहिए।"