चेन्नई, 24 मई
शिवगंगा में एक पत्थर खदान में हुए घातक चट्टान के खिसकने के बाद, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी, तमिलनाडु भूविज्ञान और खनन विभाग ने पत्थर खदानों का निरीक्षण करने और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्त करने के लिए राज्यव्यापी निर्देश जारी किया है।
आदेश के अनुसार, प्रत्येक जिले में उप और सहायक निदेशकों को हर महीने कम से कम 10 खदानों में सुरक्षा निरीक्षण करना चाहिए और आयुक्तालय को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए।
जिला कलेक्टरों और खनन के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशकों को भी निरीक्षण प्रयासों की निगरानी करने और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
इस पहल का उद्देश्य राज्य के पत्थर खदान क्षेत्र में सुरक्षा उल्लंघनों और अवैध संचालन पर बढ़ती चिंताओं को दूर करना है।
कार्यकर्ताओं ने लंबे समय से विस्फोटकों के अनधिकृत उपयोग सहित बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जो उनके अनुसार हाल के वर्षों में घातक घटनाओं की बढ़ती संख्या के लिए जिम्मेदार हैं।
ऐसी ही एक घटना में विरुधुनगर में हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि तिरुपुर में ऑक्सीजन सिलेंडर उतारने के दौरान फटने से एक अन्य श्रमिक की मौत हो गई।
खनन विभाग की ओर से सभी जिलों को भेजे गए एक संदेश में चट्टानों के खिसकने और विस्फोटों से होने वाले जानलेवा खतरों को रेखांकित किया गया है। इसमें दुर्घटनाओं के लिए मुख्य कारण सुरक्षा दिशा-निर्देशों और नियामक शर्तों का खराब पालन बताया गया है।