श्रीनगर, 18 जून
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में जम्मू-कश्मीर कैबिनेट बुधवार शाम को सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति (सीएससी) की रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रही है।
सीएससी ने 10 जून को अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया, और इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा ताकि संवैधानिक और कानूनी निहितार्थ वाले विवादास्पद मुद्दे पर अपना फैसला ले सके।
सीएससी द्वारा 10 जून को अंतिम रूप दी गई रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी, और इस संवेदनशील मुद्दे पर आगे कैसे बढ़ना है, इस पर विचार किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में पांच कैबिनेट मंत्रियों में से, सीएम को छोड़कर, तीन मंत्री सीएससी के सदस्य हैं।
यूटी में विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंच जाने के कारण ओपन मेरिट उम्मीदवारों में अशांति है, जिससे सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करते समय ओपन मेरिट उम्मीदवारों के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करने के लिए केवल 30 प्रतिशत सीटें बची हैं।
कैबिनेट को सीएससी रिपोर्ट के क्रियान्वयन और सीएससी की सिफारिशों को लागू करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर अंतिम फैसला लेना होगा।
सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के चुनाव घोषणापत्र में आरक्षण नीति पर फिर से विचार करने का वादा किया गया था, ताकि ओपन मेरिट उम्मीदवारों को अधिकतम हिस्सा देकर इसे योग्यता के अनुकूल बनाया जा सके।
10 दिसंबर, 2024 को सीएससी का गठन किया गया और छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया।