रायपुर/कोच्चि, 2 अगस्त
आठ दिन जेल में बिताने के बाद, केरल की दो ननें छत्तीसगढ़ की दुर्ग स्थित केंद्रीय जेल से शनिवार दोपहर 3.40 बजे बाहर आईं। बिलासपुर की एक विशेष एनआईए अदालत ने मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोपों से जुड़े एक मामले में उन्हें ज़मानत दे दी।
दोनों थकी हुई लग रही थीं, लेकिन जेल से बाहर आकर अपने साथियों को गले लगाने पर उनके चेहरे पर मुस्कान थी।
बाहर इंतज़ार कर रहे लोगों में केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर, केरल के सांसद जोस के. मणि, जॉन ब्रिटास, संतोष कुमार, रोज़ी एम. जॉन, अनवर सदाथ, चांडी ओमन और दोनों ननों के कुछ साथी शामिल थे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर राजनीतिक ड्रामा न होता तो यह ज़मानत तीन दिन पहले ही मिल सकती थी।
चंद्रशेखर ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का धन्यवाद। इस हफ़्ते की शुरुआत में, चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझसे संपर्क करके मदद मांगी थी, और तब मैंने कहा था कि काम हो जाएगा और ऐसा ही हुआ।"
ज़मानत की शर्तों के कारण, ननों ने इंतज़ार कर रहे मीडिया से बात नहीं की।