नई दिल्ली, 7 अगस्त
ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रभाष रंजन ने गुरुवार को कहा कि भारत ने अमेरिका के बढ़ते दबाव के बावजूद, अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा का विकल्प चुनकर सही रुख अपनाया है। टैरिफ और व्यापार वार्ता को लेकर भारत और वाशिंगटन के बीच तनाव बढ़ रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर अमेरिका ऐसे कारणों से अतिरिक्त टैरिफ लगाता है, तो यह विश्व व्यापार संगठन के नियमों सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन होगा।
उन्होंने कहा, "वैश्विक दक्षिण देख रहा है। ऐसे समय में जब डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका एकतरफा कदम उठा रहा है जो अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करते हैं, भारत की नैतिक और रणनीतिक ज़िम्मेदारी है कि वह दृढ़ रहे।"
उन्होंने कहा, "अमेरिका भारत पर अपने कृषि क्षेत्र को खोलने का दबाव बना रहा है ताकि अमेरिकी आयात आ सकें। लेकिन यह संभव नहीं है। हमारे किसानों की आजीविका दांव पर है, और भारत अपने बाजारों में भारी सब्सिडी वाले अमेरिकी उत्पादों की बाढ़ नहीं आने दे सकता।"
उन्होंने कहा कि भारत द्वारा कृषि संबंधी अमेरिकी मांगों को अस्वीकार करना केवल व्यापार से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सुरक्षा से भी जुड़ा है।
उन्होंने आगे कहा, "हमारा कृषि क्षेत्र बेहद संवेदनशील है और इसकी रक्षा करना राष्ट्रीय अस्तित्व का प्रश्न है। सरकार का ऐसा करना बिल्कुल सही है।"