अमृतसर, 11 अगस्त
अकाल तख्त के पूर्व कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सोमवार को शिरोमणि अकाली दल से अलग हुए धड़े का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया, जबकि बीबी सतवंत कौर को पंजाब के इस पवित्र शहर में अकाल तख्त द्वारा गठित पाँच सदस्यीय समिति द्वारा आयोजित चुनाव में पार्टी की धार्मिक शाखा की अध्यक्ष चुना गया।
चुनाव में भाग लेने वाले दोनों दल अकाली दल के प्रतिद्वंद्वी थे, जिसका नेतृत्व स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल के पुत्र सुखबीर बादल करते हैं।
दोनों ने दावा किया कि वे ही मूल अकाली दल हैं, जिसकी स्थापना 14 दिसंबर, 1920 को गुरुद्वारों को 'महंतों' के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए हुई थी।
पार्टी का यह चुनाव पिछले साल सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के आदेश के बाद हुआ था, जिसमें पाँच सदस्यीय समिति को पार्टी के लिए सदस्यता अभियान चलाने और उसके बाद संगठनात्मक चुनाव कराने का काम सौंपा गया था।
प्रतिद्वंद्वियों ने सुखबीर बादल पर पिछले साल अकाल तख्त के हुक्मनामे की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जिसमें अकाली दल के सभी धड़ों में नई सदस्यता और एकता का आह्वान किया गया था।
तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के नेतृत्व में सिख धर्मगुरुओं ने अकाली दल के पुनर्गठन का निर्देश दिया था और नए सदस्यों को शामिल करने के लिए तत्कालीन एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर धामी के नेतृत्व में एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया था।