नई दिल्ली, 27 अगस्त
मोटापे से प्रेरित टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों में स्तन कैंसर के मामले ज़्यादा आक्रामक होते हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि रक्त कारक स्तन कैंसर के आक्रामक होने का कारण बनते हैं।
अमेरिका के बोस्टन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि रक्त में मौजूद सूक्ष्म कण - जिन्हें एक्सोसोम कहा जाता है - मधुमेह के कारण बदल जाते हैं। ये एक्सोसोम ट्यूमर के अंदर प्रतिरक्षा कोशिकाओं को पुनः प्रोग्राम कर सकते हैं, जिससे वे कमज़ोर हो जाते हैं और कैंसर को बढ़ने और फैलने में आसानी होती है।
बीयू के प्रोफेसर और संबंधित लेखक गेराल्ड डेनिस ने कहा, "स्तन कैंसर का इलाज पहले से ही चुनौतीपूर्ण है, और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों के परिणाम और भी खराब होते हैं, लेकिन चिकित्सक पूरी तरह से समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसा क्यों है।"
डेनिस ने आगे कहा, "हमारा अध्ययन एक संभावित कारण बताता है: मधुमेह ट्यूमर के अंदर प्रतिरक्षा प्रणाली के काम करने के तरीके को बदल देता है। इससे यह समझने में मदद मिल सकती है कि इम्यूनोथेरेपी जैसे मौजूदा उपचार मधुमेह के रोगियों पर उतने प्रभावी क्यों नहीं होते। यह जानने से लाखों लोगों के लिए बेहतर और अधिक व्यक्तिगत उपचार के द्वार खुलते हैं।"
अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में 3D ट्यूमर मॉडल विकसित करने के लिए स्तन कैंसर रोगियों के ट्यूमर के नमूनों का उपयोग किया।