हैदराबाद, 17 सितंबर
साइबर जालसाज़ों द्वारा डिजिटल गिरफ्तारी में 76 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी डॉक्टर की जान चली गई, कथित तौर पर तीन दिन की प्रताड़ना के बाद दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने बताया कि पुलिस और प्रवर्तन अधिकारी बनकर ठगों ने उन पर मानव तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाकर 6.6 लाख रुपये की उगाही की और उनकी मौत के बाद भी धमकियाँ भेजते रहे।
घोटालेबाज़ों ने सुप्रीम कोर्ट, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के लोगो वाले जाली दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके उन्हें 70 घंटे की डिजिटल गिरफ्तारी के लिए मजबूर किया।
पीड़िता के परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि घोटालेबाज़ उनकी मौत के बाद भी संदेश भेजते रहे। आखिरी संदेश 10 सितंबर को मिला था।
पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है और फ़ोन रिकॉर्ड और बैंक लेनदेन के ज़रिए संदिग्धों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।