मुंबई, 25 अक्टूबर
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों को दीर्घकालिक मूल्य सृजन के उद्देश्य से रणनीतिक निवेश के तहत घरेलू या विदेशी कंपनियों में पूर्ण या नियंत्रक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए भारतीय कंपनियों को ऋण देने की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा है।
मसौदे के मानदंडों के तहत, केवल संतोषजनक निवल मूल्य और पिछले तीन वर्षों के लाभदायक ट्रैक रिकॉर्ड वाली सूचीबद्ध कंपनियां ही इस तरह के वित्तपोषण के लिए पात्र होंगी।
अधिग्रहण लागत का 70 प्रतिशत तक बैंकों द्वारा वित्तपोषित किया जा सकता है, शेष 30 प्रतिशत अधिग्रहण करने वाली कंपनी के स्वयं के इक्विटी योगदान से आना होगा।
प्रस्ताव के अनुसार, या तो अधिग्रहण करने वाली कंपनी या अधिग्रहण के लिए विशेष रूप से बनाई गई एक स्टेप-डाउन विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) वित्तपोषण प्राप्त कर सकती है।
केंद्रीय बैंक ने अधिग्रहण वित्तपोषण पर एक व्यापक नीतिगत ढाँचे की भी आवश्यकता बताई है, जिसमें उधारकर्ता पात्रता, सुरक्षा, मार्जिन, जोखिम प्रबंधन और निगरानी प्रक्रियाएँ शामिल हैं।