नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश के 14 राज्यों में 6.1 करोड़ से ज़्यादा किसानों के पास आधार कार्ड जैसी डिजिटल आईडी हैं, जो उनके भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी हैं।
डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के हिस्से के रूप में एग्री स्टैक के तहत बनाए गए इन आईडी का रखरखाव राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जाता है। इन्हें भूमि रिकॉर्ड, पशुधन स्वामित्व, बोई गई फ़सलों और प्राप्त लाभों सहित किसानों से जुड़े विभिन्न डेटा से जोड़ा जाएगा। इससे ऋण, फ़सल बीमा और पीएम किसान भुगतान में तेज़ी लाने में भी मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश (1.3 करोड़) में सबसे ज़्यादा किसान आईडी बनाई गई हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (99 लाख), मध्य प्रदेश (83 लाख), आंध्र प्रदेश (45 लाख), गुजरात (44 लाख), राजस्थान (75 लाख) का स्थान है।
आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा, केरल, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे अन्य राज्यों ने भी पहचान पत्र प्रदान करने में प्रगति की है।
'डिजिटल कृषि मिशन' को 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति द्वारा 2,817 करोड़ रुपये के पर्याप्त वित्तीय परिव्यय के साथ मंजूरी दी गई थी, जिसमें 1,940 करोड़ रुपये का केंद्र सरकार का हिस्सा शामिल है।