नई दिल्ली, 8 मई
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, कई पाकिस्तानी सरकार से जुड़े मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत सामग्री प्रसारित करते हुए पकड़ा गया है।
बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ उच्च-मूल्य वाले आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमलों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई में एक महत्वपूर्ण क्षण था।
हमलों के बाद, ऑनलाइन गलत सूचनाओं की एक लहर उठी, जिसमें पाकिस्तानी मीडिया घरानों और संबद्ध हैंडल ने सोशल प्लेटफॉर्म पर, विशेष रूप से एक्स पर झूठी कहानियों और असत्यापित दावों को आगे बढ़ाया।
स्वतंत्र विश्लेषकों और भारत के आधिकारिक तथ्य-जांच निकायों ने इनमें से कई दावों को तुरंत निराधार बताया।
सबसे व्यापक रूप से प्रसारित झूठे दावों में से एक में आरोप लगाया गया था कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी।
इस दावे का समर्थन करने के लिए इस्तेमाल किया गया वीडियो, जिसमें रात के आसमान में आग की लपटें दिखाई दे रही थीं, को जल्दी ही खारिज कर दिया गया।
तथ्य-जांचकर्ताओं ने फुटेज की पहचान 2024 में चिली के वालपाराइसो में लगी एक जंगल की आग से की है। इस प्राकृतिक आपदा का भारत या पाकिस्तान में किसी भी सैन्य कार्रवाई से कोई संबंध नहीं था।