नई दिल्ली, 8 मई
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दक्षिण दिल्ली के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा लगभग 7.85 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) दावों से जुड़े बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है, गुरुवार को यह घोषणा की गई।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, जांच में 80 से अधिक जीएसटीआईएन (वस्तु एवं सेवा कर पहचान संख्या) का दुरुपयोग पाया गया, जो मुख्य रूप से पालम/द्वारका क्षेत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट के ईमेल आईडी और संपर्क नंबरों से जुड़े थे।
सर्कुलर ट्रेडिंग में लगे 31 जीएसटीआईएन के एक मुख्य समूह की पहचान की गई, जिनके पास वास्तव में वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति नहीं थी।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, 12 परिसरों में तलाशी की कार्यवाही की गई, और कई फर्में अस्तित्व में नहीं पाई गईं।
मंत्रालय ने बताया कि तलाशी के दौरान जांच से संबंधित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए और संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए गए।
कई करदाताओं ने स्वीकार किया कि वे जीएसटी फाइलिंग के लिए पूरी तरह से चार्टर्ड अकाउंटेंट पर निर्भर थे, लॉगिन क्रेडेंशियल और फाइलिंग केंद्रीय रूप से उसी के नियंत्रण में थे।
मंत्रालय ने कहा, "आरोपी द्वारा किए गए अपराध सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(बी) और 132(1)(सी) के तहत आते हैं, जो धारा 132(5) के तहत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है और अधिनियम की धारा 132(1)(आई) के तहत दंडनीय है।"
इसमें बताया गया कि "इसके अनुसार, उक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69(1) के तहत गिरफ्तार किया गया और 07.06.2025 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उसे 21.05.2025 तक 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।" यह मामला प्रतिरूपण, क्रेडेंशियल दुरुपयोग और मिलीभगत वाले सर्कुलर ट्रेडिंग के माध्यम से जीएसटी ढांचे के व्यवस्थित दुरुपयोग को उजागर करता है। वित्त मंत्रालय ने आगे कहा कि धोखाधड़ी के पूर्ण पैमाने को उजागर करने और अयोग्य इनपुट टैक्स क्रेडिट के सभी लाभार्थियों की पहचान करने के लिए सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के तहत जांच चल रही है।