रांची, 21 मई
झारखंड में हाल ही में पुलिस मुठभेड़ में घायल माओवादी कमांडर गौतम यादव को बुधवार को वाराणसी के एक अस्पताल से गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि वह तब से फरार था।
पलामू की पुलिस अधीक्षक रिश्मा रमेशन के अनुसार गौतम यादव ने पहचान से बचने के लिए अस्पताल में अपना नाम मिथिलेश यादव बताकर फर्जी पहचान पत्र के साथ चेक-इन किया था।
15 मई को पलामू जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के दौरान पेट में गोली लगने से घायल होने के बाद उसका इलाज चल रहा था।
प्रतिबंधित माओवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति समिति (टीएसपीसी) का जोनल कमांडर यादव मनातू थाना क्षेत्र के बसकटिया के जंगलों में टीएसपीसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच भीषण मुठभेड़ में घायल हो गया।
मुठभेड़ में कई राउंड गोलियां चलीं, जिसके बाद यादव घायल अवस्था में भाग गया। बताया जाता है कि उसे उसके एक रिश्तेदार ने मदद की।
पुलिस के अनुसार, माओवादी किसी बड़े ऑपरेशन की योजना बनाने के लिए इलाके में एकत्र हुए थे।
मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान में घटनास्थल से एके-47 कारतूस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई।
बाद में कमांडर यादव और शशिकांत गंझू समेत 13 माओवादियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। गंझू पर 10 लाख रुपये का इनाम है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गंझू ने ही वाराणसी में यादव के इलाज की व्यवस्था की थी।
खुफिया सूचनाओं पर कार्रवाई करते हुए पलामू के एसपी रमेशन ने एएसपी राकेश सिंह के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया और इसने वाराणसी के अस्पताल में छापा मारा और यादव को हिरासत में ले लिया।
यादव को वाराणसी की अदालत में पेश किया जाएगा और उसकी हालत स्थिर होने पर उसे पलामू लाया जाएगा।
यह घटनाक्रम उस दिन हुआ जब सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ जंगल में 27 माओवादियों को मार गिराया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभियान की सराहना करते हुए इसे "नक्सलवाद (माओवाद) को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि" बताया।