नई दिल्ली, 29 मई
क्रिसिल ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2026 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। साथ ही कहा है कि घरेलू खपत में सुधार से औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी ने एक नोट में कहा, "हमें उम्मीद है कि घरेलू खपत मांग में सुधार होगा, जो कि स्वस्थ कृषि वृद्धि, विवेकाधीन खर्च को बढ़ावा देने वाली मुद्रास्फीति में कमी, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा दरों में कटौती और इस वित्त वर्ष में आयकर में राहत के कारण होगा।"
भारत मौसम विज्ञान विभाग को इस वित्त वर्ष में सामान्य से अधिक मानसून (दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत) रहने की उम्मीद है, जो कृषि उत्पादन और मुद्रास्फीति के लिए अच्छा संकेत है।
इसके अलावा, क्रिसिल इंटेलिजेंस के अनुसार, इस वित्त वर्ष में कच्चे तेल की कीमतें कम रहने की उम्मीद है, जो कि पिछले वित्त वर्ष में औसतन 78.8 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में औसतन 65-70 डॉलर प्रति बैरल रहेगी। नोट के अनुसार, "हमें उम्मीद है कि एमपीसी इस वित्त वर्ष में रेपो दर में 50 आधार अंकों (बीपीएस) की कटौती करेगी, अप्रैल तक 50 आधार अंकों की कटौती के बाद।
बैंक ऋण दरों में कमी आनी शुरू हो गई है, जिससे घरेलू मांग को बढ़ावा मिलना चाहिए।" कुल मिलाकर, क्रिसिल ने वित्त वर्ष 2026 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण गिरावट का जोखिम है।