नई दिल्ली, 5 जून
एक अध्ययन के अनुसार, भोजन, विशेष रूप से कार्बोहाइड्रेट के बाद रक्त शर्करा की प्रतिक्रिया चयापचय स्वास्थ्य स्थिति का संकेत दे सकती है और साथ ही प्रीडायबिटीज के जोखिम का संकेत भी दे सकती है।
अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि व्यक्तियों के बीच रक्त शर्करा प्रतिक्रिया पैटर्न में अंतर इंसुलिन प्रतिरोध या बीटा सेल डिसफंक्शन जैसी विशिष्ट चयापचय स्थितियों से जुड़ा था - दोनों ही मधुमेह का कारण बन सकते हैं।
नेचर मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चलता है कि रक्त शर्करा प्रतिक्रिया में यह परिवर्तनशीलता प्रीडायबिटीज और मधुमेह के लिए व्यक्तिगत रोकथाम और उपचार रणनीतियों को जन्म दे सकती है।
स्टैनफोर्ड मेडिसिन में जेनेटिक्स के प्रोफेसर माइकल स्नाइडर ने कहा, "यह अध्ययन बताता है कि न केवल प्रीडायबिटीज के भीतर उपप्रकार हैं, बल्कि यह भी कि आपका उपप्रकार यह निर्धारित कर सकता है कि आपको कौन से खाद्य पदार्थ खाने चाहिए और कौन से नहीं।"
अध्ययन में, टाइप 2 मधुमेह के इतिहास के बिना 55 प्रतिभागियों ने इंसुलिन प्रतिरोध और बीटा सेल डिसफंक्शन के लिए चयापचय परीक्षण किया। प्रतिभागियों को मल्टी-ओमिक्स प्रोफाइलिंग से भी गुजरना पड़ा, जिसमें ट्राइग्लिसराइड के स्तर, रक्त के प्लाज़्मा में मेटाबोलाइट्स, यकृत के कार्य के माप और आंत माइक्रोबायोम डेटा के परीक्षण शामिल थे। प्रतिभागियों में से लगभग आधे, यानी कुल 26, प्रीडायबिटीज़ से पीड़ित थे।