नई दिल्ली, 9 जून
शोधकर्ताओं ने एक आनुवंशिक उत्परिवर्तन पाया है जो क्रोहन रोग के रोगियों में आयरन की कमी और एनीमिया को और खराब कर सकता है।
क्रोहन रोग एक क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) है जो छोटी आंत और बड़ी आंत को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि यह क्रॉनिक इन्फ्लेमेशन की विशेषता है, जिससे पेट में दर्द, दस्त, थकान और वजन कम होने जैसे लक्षण होते हैं, लेकिन यह एनीमिया का कारण भी बन सकता है।
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया क्रोहन के रोगियों में सबसे आम है और क्रॉनिक थकान का कारण बनता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता कम हो जाती है, खासकर बीमारी के बढ़ने के दौरान।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, रिवरसाइड स्कूल ऑफ मेडिसिन के बायोमेडिकल वैज्ञानिकों ने पाया कि जीन PTPN2 (प्रोटीन टायरोसिन फॉस्फेट नॉन-रिसेप्टर टाइप 2) में उत्परिवर्तन - जो सामान्य आबादी के 14-16 प्रतिशत और IBD आबादी के 19-20 प्रतिशत में पाया जाता है - इसके लिए जिम्मेदार है।
आईबीडी रोगियों के सीरम नमूनों पर किए गए अध्ययन में बताया गया है कि पीटीपीएन2 जीन में कार्य-क्षति उत्परिवर्तन वाले रोगियों में आयरन के स्तर को नियंत्रित करने वाले रक्त प्रोटीन में महत्वपूर्ण व्यवधान दिखाई देता है।