नई दिल्ली, 20 जून
एक अध्ययन के अनुसार, बाहरी हवा में मौजूद फंगल बीजाणुओं की निगरानी से फ्लू और कोविड-19 संक्रमण में उछाल का अनुमान लगाया जा सकता है।
अमेरिका के फ्लोरिडा में लिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि हवा में मौजूद फंगल बीजाणुओं की सांद्रता - लेकिन पराग नहीं - फ्लू और कोविड-19 मामलों में वृद्धि से दृढ़ता से जुड़ी हुई थी।
जब हवा में मौजूद फंगल बीजाणुओं की सांद्रता बढ़ी, तो वैज्ञानिकों ने अक्सर कुछ दिनों के भीतर संक्रमण में उछाल देखा।
अध्ययन मॉडल उच्च सटीकता के साथ फ्लू और कोविड-19 के उछाल का अनुमान लगाने में सक्षम थे, खासकर पतझड़ के मौसम में। हालांकि, पराग ने समान संबंध या भविष्यवाणी नहीं दिखाई।
लिन में बायोकेमिस्ट्री के एसोसिएट प्रोफेसर फेलिक्स ई. रिवेरा-मारियानी ने कहा, "हमारे अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि हवा में मौजूद फंगल बीजाणुओं के स्तर की निगरानी से फ्लू और कोविड-19 के अल्पकालिक प्रकोप (स्पाइक्स) का अनुमान लगाने में मदद मिल सकती है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को पहले से ही चेतावनी मिल सकती है।"
रिवेरा-मरियानी ने कहा, "हमारे निष्कर्ष श्वसन वायरल संक्रमण की घटनाओं में योगदान देने वाले पर्यावरणीय कारकों की संभावित भूमिका को भी उजागर करते हैं - न कि केवल व्यक्ति-से-व्यक्ति प्रसार की। इससे लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य अलर्ट के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बाहरी हवा में फफूंद अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।" अध्ययन में, टीम ने प्यूर्टो रिको के दो प्रमुख स्वास्थ्य क्षेत्रों- सैन जुआन और कैगुआस में 2022 से 2024 तक के दैनिक डेटा की जांच की।