मुंबई, 1 जुलाई
आरबीआई द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, विदेश में काम करने वाले भारतीयों द्वारा घर भेजे गए धन में वित्त वर्ष 2024-25 में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो रिकॉर्ड 135.46 बिलियन डॉलर है।
आरबीआई ने कहा कि "निजी हस्तांतरण" के तहत वर्गीकृत इन प्रवाहों ने वित्त वर्ष 2025 में भारत के सकल चालू खाता प्रवाह $1 ट्रिलियन का 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लिया।
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि व्यक्तिगत हस्तांतरण प्राप्तियां, जो मुख्य रूप से विदेशों में काम करने वाले भारतीयों द्वारा भेजे गए धन का प्रतिनिधित्व करती हैं, पिछले वर्ष की इसी तिमाही के $31.3 बिलियन से बढ़कर 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही में $33.9 बिलियन हो गईं।
विदेश में काम करने वाले भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर घर भेजे, जिसमें अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में $36 बिलियन का अब तक का सबसे अधिक प्रवाह था।
भारत 2024 में धन प्रेषण प्राप्त करने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर है और 68 बिलियन डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद मेक्सिको से काफ़ी आगे है। विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों द्वारा संकलित आँकड़ों के अनुसार, चीन ($48 बिलियन) तीसरे स्थान पर है, उसके बाद फिलीपींस ($40 बिलियन) और पाकिस्तान ($33 बिलियन) का स्थान है।
विश्व बैंक के आँकड़ों के अनुसार, 2024 कैलेंडर वर्ष में धन प्रेषण की वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि 2023 में यह 1.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी।