नई दिल्ली, 16 जुलाई
ICMR के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के अनुसार, भारतीय विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित मात्रा से 2.2 गुना ज़्यादा नमक खाते हैं, जिससे उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक और किडनी रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा होते हैं।
WHO प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक (लगभग एक चम्मच से कम) या 2 ग्राम से कम सोडियम की सलाह देता है।
हालांकि, ICMR-NIE ने कहा, "एक भारतीय द्वारा प्रतिदिन औसत नमक का सेवन 11 ग्राम है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफारिश से 2.2 गुना ज़्यादा है।"
इस शीर्ष शोध संस्था के अनुसार, नियमित आयोडीन युक्त नमक में 40 प्रतिशत सोडियम होता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सीमा से काफ़ी ज़्यादा है। WHO इस जोखिम से बचने के लिए कम सोडियम वाले नमक के इस्तेमाल का भी सुझाव देता है।
आईसीएमआर-एनआईई के वैज्ञानिकों ने कहा, "भारतीय आहार में नमक का एक बड़ा स्रोत छिपा है और यह छिपा हुआ नमक एक वास्तविक खतरे को बढ़ावा दे रहा है।" उन्होंने अचार, पापड़, नमकीन, बिस्कुट और कुकीज़, ब्रेड, वड़ा पाव, चिप्स, इंस्टेंट नूडल्स, और डिब्बाबंद व पैकेज्ड खाद्य पदार्थों जैसे आम खाद्य पदार्थों को अतिरिक्त नमक के संभावित स्रोतों के रूप में इंगित किया।