नई दिल्ली, 18 जुलाई
एक अध्ययन के अनुसार, तापमान, सर्दियों में झीलों और तालाबों में जल स्तर और मूक हंसों (सिग्नस ओलोर) की उपस्थिति जैसे पर्यावरणीय कारक यूरोप में अत्यधिक रोगजनक एवियन फ्लू (एचपीएआई) के प्रकोप की संभावना का अनुमान लगाने वाले प्रमुख कारण हो सकते हैं।
साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित ये निष्कर्ष 21वीं सदी के यूरोपीय एचपीएआई प्रकोपों की विशेषताओं पर प्रशिक्षित एक मशीन लर्निंग मॉडल पर आधारित हैं और भविष्य के निगरानी कार्यक्रमों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
मॉडल ने दिखाया कि शरद ऋतु में दर्ज किए गए सबसे ठंडे तापमान का प्रकोप होने की संभावना पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
हालांकि, वास्तविक प्रभाव क्षेत्र के अनुसार काफी भिन्न होता है। कुछ क्षेत्रों में, अधिक गर्म न्यूनतम तापमान प्रकोप की अधिक संभावना से जुड़ा था; जबकि अन्य में, यह कम संभावना से जुड़ा था।
जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय के जोआसिम रॉकलोव ने कहा, "एचपीएआई का प्रकोप पशु और जन स्वास्थ्य, दोनों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। 2022 के दौरान उत्तरी गोलार्ध में एचपीएआई के प्रकोप की एक लहर स्तनधारियों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण की संख्या में वृद्धि से जुड़ी थी, जिससे बाद में मनुष्यों में भी इसके फैलने की संभावना बढ़ गई।"