नई दिल्ली, 18 जुलाई
जुलाई में अब तक योग्य संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) में अच्छी वृद्धि देखी गई है, जिसकी अगुवाई भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा हाल ही में जुटाए गए धन ने की है, जिससे कुल क्यूआईपी धन उगाहना 30,000 करोड़ रुपये से अधिक के साथ पाँच साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है।
क्यूआईपी सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बाजार नियामकों को कानूनी कागजी कार्रवाई प्रस्तुत किए बिना पूंजी जुटाने का एक तरीका है।
इस महीने अब तक दस निर्गमों ने 30,470 करोड़ रुपये से अधिक की पेशकश की है। यह सितंबर 2020 के बाद से क्यूआईपी का सबसे बड़ा मासिक प्रदर्शन है, जब कंपनियों ने सामूहिक रूप से 39,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे।
इस उछाल का कारण 17 जुलाई को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का ऐतिहासिक क्यूआईपी था, जिसने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए। इस पेशकश ने निवेशकों की ज़बरदस्त दिलचस्पी दिखाई, और कथित तौर पर माँग आपूर्ति से लगभग चार गुना ज़्यादा रही।
कई रिपोर्टों के अनुसार, एसबीआई क्यूआईपी को वैश्विक और घरेलू निवेशकों से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की अच्छी-खासी दिलचस्पी मिली है।
जुलाई में कई अन्य उल्लेखनीय क्यूआईपी सौदे भी हुए। सीजी पावर ने 3,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा जुटाए, जबकि मैराथन नेक्स्टजेन और नवीन फ्लोरीन ने क्रमशः 900 करोड़ रुपये और 750 करोड़ रुपये जुटाए।
कई अन्य मिड-कैप और स्मॉल-कैप कंपनियों ने भी इस महीने के दौरान संस्थागत निवेश हासिल किया।