नई दिल्ली, 21 जुलाई
सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टियर 1 और टियर 2 शहरों में लगभग 1,700 वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हैं, जो दुनिया भर के कुल जीसीसी केंद्रों का लगभग 53 प्रतिशत है।
कार्यस्थल-केंद्रित वैश्विक कार्यस्थल समाधान प्रदाता, वेस्टियन रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में कुल जीसीसी केंद्रों में से 94 प्रतिशत बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और पुणे में हैं।
शेष 6 प्रतिशत जीसीसी केंद्र कोलकाता, कोच्चि, अहमदाबाद, चंडीगढ़, कोयंबटूर, वडोदरा, नासिक, त्रिवेंद्रम, जोधपुर, वारंगल, बड़ौदा, विशाखापत्तनम, भोगपुरम, जयपुर, सूरत, मोहाली, भुवनेश्वर, इंदौर, मैसूर, मदुरै और भोपाल में हैं।
वेस्टियन रिसर्च के अनुसार, भारत में जीसीसी की कुल संख्या वित्त वर्ष 28 तक 2,100 से अधिक होने का अनुमान है, जो 8 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रही है। औसतन, प्रतिवर्ष लगभग 150 नए केंद्र स्थापित होने की उम्मीद है।
भारत में आईटी क्षेत्र अग्रणी है, जो देश भर में कुल जीसीसी का लगभग 49 प्रतिशत है, इसके बाद बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और बीमा) क्षेत्र है, जिसकी हिस्सेदारी 17 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल मिलाकर, स्वास्थ्य सेवा और जीवन विज्ञान, इंजीनियरिंग और विनिर्माण, परामर्श सेवाएँ, और दूरसंचार एवं मीडिया क्षेत्र भारत में जीसीसी की कुल संख्या में लगभग 19 प्रतिशत का योगदान करते हैं।