श्री फतेहगढ़ साहिब/21 जुलाई :
(रविंदर सिंह ढींडसा)
फार्मेसी स्कूल ने देश भगत विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के सहयोग से "मूल से अनुसंधान: प्राथमिक अन्वेषण के माध्यम से उत्कृष्टता" शीर्षक से एक संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का आयोजन किया। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राथमिक डेटा संग्रह, फील्डवर्क और साक्ष्य-आधारित शैक्षणिक जुड़ाव के माध्यम से संकाय सदस्यों की शोध क्षमताओं को मजबूत करना था। एफडीपी का उद्घाटन चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह और प्रो-चांसलर डॉ. तेजेंदर कौर ने किया, और मुख्य भाषण फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर और एपीएसई के अध्यक्ष डॉ. मिलिंद पार्ले ने दिया। सत्र की संयोजक सुश्री शिवानी पन्नू ने वक्ता का औपचारिक परिचय दिया। प्रत्येक दिन प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रख्यात वक्ताओं ने भाग लिया। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में फार्माकोग्नॉसी की प्रोफेसर डॉ. ऋचा श्री ने स्वदेशी ज्ञान को आधुनिक अनुसंधान के साथ एकीकृत करने पर जोर दिया। एमिटी यूनिवर्सिटी, मोहाली की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कल्पना नागपाल ने फार्मास्युटिकल नियामक ढाँचों पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। एमडीएस यूनिवर्सिटी, अजमेर की फार्मेसी विभागाध्यक्ष डॉ. रोहिणी अग्रवाल ने कार्डियोवैस्कुलर फार्माकोलॉजी और ट्रांसलेशनल रिसर्च पर बात की। गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) डॉ. बलबीर सिंह ने शोध उत्कृष्टता पर एक प्रभावशाली सत्र के साथ श्रृंखला का समापन किया। सभी सत्रों में डॉ. ज़ोरा सिंह और डॉ. तेजेंदर कौर की उपस्थिति रही, जिनका प्राचार्य डॉ. पूजा गुलाटी ने हार्दिक अभिनंदन किया। कार्यक्रम में शोध प्रस्ताव लेखन, डेटा विश्लेषण उपकरण (एनवीवो, एसपीएसएस) और शोध नैतिकता पर व्यावहारिक कार्यशालाएँ भी शामिल थीं।एफडीपी का समापन प्राचार्य डॉ. पूजा गुलाटी के हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने अकादमिक चर्चा में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।