नई दिल्ली, 22 जुलाई
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने सरकार से नागरिकों के लिए वार्षिक स्वास्थ्य जांच को कानूनी अधिकार बनाने का आग्रह किया है।
मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए, चड्ढा ने बताया कि कैसे कोविड-19 महामारी के बाद देश में हृदय गति रुकने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में तेज़ी से वृद्धि देखी जा रही है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "मैंने संसद में एक माँग उठाई थी: वार्षिक स्वास्थ्य जांच को हर नागरिक का कानूनी अधिकार बनाया जाए।"
"कोविड-19 के बाद, हम हृदय गति रुकने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में तेज़ी से वृद्धि देख रहे हैं। समय पर पता लगाने से जान बच सकती है।"
उन्होंने बताया कि कई विकसित देश सभी नागरिकों को मुफ़्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच की सुविधा देते हैं, जिसका खर्च सरकार वहन करती है। उन्होंने पूछा, "भारत में ऐसा क्यों नहीं?"
चड्ढा ने कहा, "स्वास्थ्य सेवा केवल अभिजात वर्ग के लिए एक विशेषाधिकार नहीं रहनी चाहिए।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नियमित चिकित्सा जाँच सभी के लिए उपलब्ध होनी चाहिए, न कि केवल उन लोगों के लिए जो इसका खर्च उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा, "जाँच है तो जान है।"
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश में हाल के दिनों में युवा और स्वस्थ लोगों में भी कई अचानक दिल के दौरे, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियाँ देखी गई हैं।
नियमित स्वास्थ्य जाँच से कई स्वास्थ्य समस्याओं का पहले ही पता चल सकता है और मौतों को रोकने में मदद मिल सकती है।