नई दिल्ली, 31 जुलाई
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने गुरुवार को कहा कि आयुष क्षेत्र में एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को परिभाषित करने की क्षमता है।
आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर फिक्की द्वारा आयोजित 'आयुष हितधारक परामर्श बैठक 2025' को संबोधित करते हुए, जाधव ने आयुष क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने उद्योग जगत से आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा-रिग्पा, प्राकृतिक चिकित्सा, योग और होम्योपैथी को वैश्विक स्तर पर प्रमुखता प्रदान करने में सहयोग करने का आग्रह किया।
जाधव ने कहा, "हमें सामूहिक रूप से आयुष प्रणालियों को स्थानीय और वैश्विक स्तर पर निवारक और चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवा में पहली पसंद बनाने का प्रयास करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "'वोकल फॉर लोकल' से लेकर 'ग्लोबल फॉर लोकल' तक, इस क्षेत्र में एकीकृत चिकित्सा के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को परिभाषित करने की क्षमता है।"
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने नीतिगत नवाचार, शोध-आधारित ढाँचों और संस्थागत अभिसरण के माध्यम से आयुष को मुख्यधारा में लाने के मंत्रालय के संकल्प पर ज़ोर दिया।
उन्होंने अंतर-मंत्रालयी सहयोग, साक्ष्य-आधारित नीति-निर्माण और वैश्विक एकीकरण तथा अंतिम-मील वितरण के लिए क्षमता निर्माण सहित प्राथमिकताओं को भी रेखांकित किया।
इस बीच, फिक्की आयुष समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप मुल्तानी ने इस क्षेत्र में समन्वित नियामक सुधारों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।