नई दिल्ली, 14 अगस्त
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर आधारित भारत की वार्षिक मुद्रास्फीति दर इस साल जुलाई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में और गिरकर नकारात्मक क्षेत्र में (-) 0.58 पर आ गई, जो दो साल का निचला स्तर है। ऐसा मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों और पेट्रोल, डीजल तथा प्राकृतिक गैस जैसे ईंधनों की कीमतों में कमी के कारण हुआ है।
जुलाई की थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति पिछले महीने जून में दर्ज की गई -0.13 प्रतिशत से भी कम है। मार्च से थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में लगातार कमी आ रही है और मई में यह 14 महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर पहुँच गई।
खाद्य सूचकांक में 2.15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों की कीमतों में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में जुलाई में 2.43 प्रतिशत की गिरावट आई, जिसके परिणामस्वरूप मुद्रास्फीति दर नकारात्मक हो गई।
WPI मुद्रास्फीति में गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति में भी और कमी आने की उम्मीद है क्योंकि थोक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का असर खुदरा स्तर पर पड़ेगा और ईंधन की कीमतों में गिरावट से परिवहन लागत में भी कमी आएगी।