नई दिल्ली, 19 अगस्त
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2026) की पहली तिमाही में भारत की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के हालिया 6.5 प्रतिशत के अनुमान से कहीं अधिक है।
रेटिंग एजेंसी की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक ढील का बेहतर प्रसारण और आगामी जीएसटी युक्तिकरण की हालिया घोषणा त्योहारी सीजन से पहले शहरी उपभोग की धारणा को मजबूत करने में मदद कर सकती है।
आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री, अनुसंधान एवं आउटरीच प्रमुख, अदिति नायर ने कहा, "आईसीआरए का अनुमान है कि शुद्ध अप्रत्यक्ष करों (नाममात्र के संदर्भ में) में दो अंकों की वृद्धि होगी, जिसे भारत सरकार के अप्रत्यक्ष करों में तेज़ वृद्धि (वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में -3.1 प्रतिशत से वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में +11.3 प्रतिशत) से सहायता मिलेगी, जबकि सब्सिडी व्यय में मामूली कमी आई है।"
अदिति नायर ने कहा, "मज़बूत सरकारी पूँजी और राजस्व व्यय, कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में अग्रिम निर्यात और बेहतर उपभोग के शुरुआती संकेतों से लाभान्वित होकर, वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में विस्तार की दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।"