नई दिल्ली, 25 अगस्त
सोमवार को हुए एक अध्ययन के अनुसार, आईवीएफ द्वारा निर्मित भ्रूणों का आनुवंशिक परीक्षण 35 वर्ष से अधिक उम्र की अधिक महिलाओं को कम समय में गर्भधारण करने में मदद कर सकता है।
किंग्स कॉलेज, लंदन, यूके के शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में पहला यादृच्छिक नियंत्रित परीक्षण किया, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से 35-42 वर्ष की आयु की महिलाओं पर केंद्रित था - एक ऐसा समूह जिसमें गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं वाले भ्रूण उत्पन्न होने का जोखिम अधिक होता है।
इस परीक्षण में भ्रूण स्थानांतरण से पहले गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं की जाँच के लिए एनेप्लोइडी (पीजीटी-ए) के लिए प्रीइम्प्लांटेशन आनुवंशिक परीक्षण के उपयोग पर विचार किया गया।
अधिक उम्र की महिलाओं में गुणसूत्रों की गलत संख्या वाले भ्रूण उत्पन्न होने की संभावना अधिक होती है, जिससे गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन में प्रकाशित परिणामों से पता चला कि पीजीटी-ए परीक्षण ने तीन भ्रूण स्थानांतरण के बाद उच्च संचयी जीवित जन्म दर दिखाई, जिसमें पीजीटी-ए समूह में 72 प्रतिशत, जबकि नियंत्रण समूह में 52 प्रतिशत था।