नई दिल्ली, 26 सितंबर
एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण के बाद कुछ लोगों में सूंघने की क्षमता में कमी भले ही ध्यान देने योग्य न हो, लेकिन यह वर्षों तक बनी रह सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय लैंगोन हेल्थ के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में, कोविड का कारण बनने वाले कोरोनावायरस और हाइपोस्मिया (सूंघने की क्षमता में कमी) के बीच संबंध का पता लगाने के लिए एक वस्तुनिष्ठ, 40-गंध परीक्षण का उपयोग किया गया।
परिणामों से पता चला कि जिन 80 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कोविड के बाद अपनी सूंघने की क्षमता में बदलाव की सूचना दी, उनमें से लगभग दो साल बाद किए गए एक नैदानिक गंध-पहचान परीक्षण में कम अंक प्राप्त हुए।
इस समूह में से, 23 प्रतिशत गंभीर रूप से क्षीण थे या उनकी सूंघने की क्षमता पूरी तरह से समाप्त हो गई थी।
शोधकर्ताओं ने बताया कि उल्लेखनीय रूप से, जिन संक्रमित प्रतिभागियों को सूंघने में कोई समस्या नहीं हुई, उनमें से 66 प्रतिशत ने भी मूल्यांकन में असामान्य रूप से कम अंक प्राप्त किए।