नई दिल्ली, 13 अक्टूबर
सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) की पहली तिमाही में भारत के खुदरा भुगतान में डिजिटल लेनदेन का योगदान 99.8 प्रतिशत रहा, जबकि नीतिगत प्रोत्साहन, बुनियादी ढाँचे के समर्थन और फिनटेक की गहरी पैठ के कारण कागज़-आधारित साधन (चेक) लगभग अप्रचलित हो गए हैं।
यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI), आधार-सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS), तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) और अन्य डिजिटल भुगतानों के नेतृत्व में, खुदरा लेनदेन में डिजिटल भुगतान का बोलबाला है, जो चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) तक भुगतान मूल्य का 92.6 प्रतिशत और लेनदेन की मात्रा का 99.8 प्रतिशत रहा।