नई दिल्ली, 15 नवंबर
उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, RBI के प्रस्तावित नियामक उपायों और सरकार द्वारा घोषित निर्यातकों के लिए ऋण गारंटी योजना से निर्यातकों को नकदी राहत मिल सकती है और ऑर्डर या भुगतान स्थगित होने के कारण नकदी प्रवाह पर पड़ने वाले निकट भविष्य के दबाव से निपटने में मदद मिल सकती है।
केंद्रीय बैंक ने "वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों" के कारण भारतीय निर्यात पर व्यापार व्यवधानों के प्रभाव को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है।
RBI ने भुगतान स्थगन या स्थगन के माध्यम से विशिष्ट प्रभावित क्षेत्रों पर ऋण चुकौती का बोझ कम किया है, और ऋणदाताओं को कार्यशील पूंजी सुविधाओं में 'आहरण शक्ति' की पुनर्गणना करने की अनुमति भी प्रदान की है। बैंक ने निर्यात ऋण की चुकौती अवधि में भी ढील दी है और ऋणदाताओं को 31 अगस्त, 2025 को या उससे पहले प्राप्त पैकिंग ऋण सुविधाओं को, जहाँ माल का प्रेषण नहीं हो सका था, किसी भी वैध वैकल्पिक स्रोतों के माध्यम से समाप्त करने की अनुमति दी है।