नई दिल्ली, 15 नवंबर
जर्मन शोधकर्ताओं ने एक ऐसे जीन की पहचान की है जो सिज़ोफ्रेनिया और अन्य मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है।
अब तक, यह माना जाता था कि सिज़ोफ्रेनिया, चिंता विकार या अवसाद कई अलग-अलग कारकों, जिनमें आनुवंशिक कारक भी शामिल हैं, के परस्पर क्रिया से उत्पन्न होते हैं।
मॉलेक्यूलर साइकियाट्री पत्रिका में प्रकाशित इस शोध में GRIN2A जीन को एक प्रमुख कारक के रूप में पहचाना गया है। अध्ययन ने प्रदर्शित किया कि GRIN2A में परिवर्तन सिज़ोफ्रेनिया का कारण बन सकते हैं।
लीपज़िग विश्वविद्यालय के मानव आनुवंशिकी संस्थान के निदेशक और प्रमुख लेखक प्रोफेसर जोहान्स लेम्के ने कहा, "हमारे वर्तमान निष्कर्ष बताते हैं कि GRIN2A पहला ज्ञात जीन है जो अपने आप में मानसिक बीमारी का कारण बन सकता है। यह इसे ऐसे विकारों के अब तक माने जाने वाले बहुजीनी कारणों से अलग करता है।"