नई दिल्ली, 2 मई
देश में कैप्टिव और कमर्शियल खदानों से कोयला उत्पादन अप्रैल में 14.01 मिलियन टन (एमटी) रहा, जबकि कोयला प्रेषण 16.81 मिलियन टन (एमटी) दर्ज किया गया, जो वित्त वर्ष 2025-26 के लिए मजबूत शुरुआत को दर्शाता है, शुक्रवार को सरकारी आंकड़ों से पता चला।
यह वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल के आंकड़ों की तुलना में साल-दर-साल उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है, जो इस क्षेत्र के ऊपर की ओर बढ़ने को रेखांकित करता है।
कोयला मंत्रालय ने इस सफलता का श्रेय निरंतर नीतिगत हस्तक्षेप, करीबी निगरानी और परिचालन मंजूरी को तेजी से आगे बढ़ाने और उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए हितधारकों की मदद को दिया।
इस उपलब्धि में प्रमुख योगदानकर्ताओं में से एक नव विकसित कोयला ब्लॉकों में परिचालन शुरू करना है।
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के कोटरे बसंतपुर पचमो ब्लॉक, जिसकी पीक रेटेड क्षमता (पीआरसी) 5 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (ओपनकास्ट) है, ने 15 अप्रैल, 2025 को परिचालन शुरू किया।
सिंगारेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के नैनी कोल ब्लॉक, जिसकी पीआरसी 10 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (ओपनकास्ट) है, ने 16 अप्रैल को परिचालन शुरू किया।
अप्रैल के दौरान भारत में कुल कोयला उत्पादन 81.57 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 78.71 मीट्रिक टन से 3.63 प्रतिशत अधिक है।