Tuesday, May 06, 2025  

ਰਾਜਨੀਤੀ

हम किसी राज्य को पानी देने का विरोध नहीं कर रहें, हम सिर्फ अपने हिस्से के पानी की रक्षा कर रहे हैं - गोयल

May 03, 2025

चंडीगढ़, 3 मई

बीबीएमबी की बैठक का बहिष्कार करने के पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि हम हरियाणा या किसी अन्य राज्य को पानी देने का विरोध नहीं कर रहें हैं। हम सिर्फ अपने हिस्से के पानी की रक्षा कर रहे हैं। जो पानी पंजाब का है उसे जबरदस्ती किसी राज्य को नहीं दिया जा सकता। 

मीडिया को संबोधित करते हुए बरिंदर गोयल ने कहा कि बीबीएमबी ने पंजाब को पानी से ज्यादा जख्म दिए हैं। डैम को बनाने में पंजाब के 370 गांव उजाड़े गए और हमारी 27 हजार एकड़ जमीन गई। इसको बनाने के समय वहां बसे लाखों लोग बेघर हुए जिसमें कुछ को तो आज तक मुआवजा भी नहीं मिला है। 

इतने त्याग के बावजूद पंजाब को डैम का सिर्फ 35 प्रतिशत पानी ही मिलता है, 65 प्रतिशत पानी तो दूसरे राज्यों को जाता है। फिर हमने कुछ नहीं कहा क्योंकि पानी जीवन से जुड़ा मसला है। हमें दिक्कत इससे है कि बीबीएमबी को अब हमारे हिस्से का पानी जबरदस्ती हरियाणा को देने के लिए कहा जा रहा है। जबकि हरियाणा ने अपने हिस्से का सारा पानी मार्च में ही खत्म कर लिया। 

हरियाणा को कुल 2.987 एमएएफ पानी आवंटित हुए थे और उसने अभी तक उससे 3 प्रतिशत अधिक 3.091 एमएएफ खपत कर चुका है। वहीं पंजाब को 5.512 एमएएफ पानी आवंटित किया गया था और हमने खर्च केवल 4.925 एमएएफ किया। हमारी सरकार ने मंत्रियों अफसरों के साथ प्लानिंग करके अपना 9 प्रतिशत पानी बचा कर रखा है। 

आप मंत्री ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र ने हरियाणा से पानी के दुरुपयोग और कुप्रबंधन पर कोई सवाल किया किया उल्टे हमारे द्वारा बचाया गया पानी जबरदस्ती हरियाणा को देने के लिए बीबीएमबी पर दबाव डालने लगा। यह पंजाब के साथ नाइंसाफी है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे। केंद्र अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए क्योंकि यह फैसला पूरी तरह एकतरफा और भेदभावपूर्ण है।

हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के बयान पर गोयल ने बाजवा और वड़िंग से स्पष्टीकरण की मांग की, कहा - इस पर चुप्पी पंजाब के साथ गद्दारी होगी

गोयल ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा इस मसले पर दिए गए बयान की सख्त निंदा की। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा और राजा वड़िंग से सवाल किया कि वह सुक्खू के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करें कि उनके बयान से वह सहमत हैं कि नहीं। अगर सहमत नहीं हैं तो सार्वजनिक तौर पर सुक्खू के बयान की निंदा करें। उन्होंने कहा कि इस मसले पर चुप्पी भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। चुप रहना पंजाब के साथ गद्दारी होगी।

 

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