नई दिल्ली, 21 मई
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए केंद्र की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने अब तक 7,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने और 2.5 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन करने में सफलता प्राप्त की है।
एफआईसीसीआई के ‘फूडवर्ल्ड इंडिया’ कार्यक्रम में अपने संबोधन में एमओएफपीआई के संयुक्त सचिव रंजीत सिंह ने कहा, “अब तक मंत्रालय ने लगभग 1,600 परियोजनाओं को वित्त पोषित किया है, जिससे 41 लाख टन खाद्य प्रसंस्करण क्षमता का सृजन हुआ है और लगभग नौ लाख किसानों को लाभ हुआ है।”
उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण कृषि विविधीकरण, मूल्य संवर्धन, कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी और निर्यात के लिए अधिशेष के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिंह ने कहा, "भारतीय कृषि क्षेत्र की अपार अप्रयुक्त क्षमता इस बात को उजागर करती है कि घरेलू विनिर्माण सरकार की नीतियों द्वारा पर्याप्त रूप से समर्थित होने पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
लक्षित हस्तक्षेपों के साथ, यह क्षेत्र भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक खाद्य टोकरी बनने में योगदान दे सकता है।" उन्होंने कृषि उपज के मूल्य को बढ़ाने के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में भारतीय उत्पादों की अनुकूल मांग को बढ़ाने में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "इसलिए, इसकी क्षमता का एहसास करने के लिए, हमें प्रसंस्करण, पैकेजिंग, भंडारण और वितरण को उन्नत करना जारी रखना चाहिए, ताकि हम घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मानकों को पूरा करने में सक्षम हों।"