चंडीगढ़, 2 मई
पड़ोसी राज्य हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि राज्य के पास खुद कोई अतिरिक्त पानी नहीं है।
उन्होंने स्थिति से अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का भी फैसला किया। बैठक में आप, भाजपा, कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल के नेता शामिल हुए।
बाद में सभी प्रमुख दलों की सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बातचीत हुई जिसमें आप सरकार द्वारा हरियाणा के साथ अतिरिक्त पानी साझा करने से इनकार करने पर एकमतता व्यक्त की गई।
मुख्यमंत्री मान ने मीडिया से कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने अपनी विचारधारा से ऊपर उठकर सरकार को सुझाव दिया कि उसे पानी की एक-एक बूंद बचानी चाहिए जो राज्य की जीवन रेखा है।
सीएम मान ने कहा कि हरियाणा, जिसे पहले से ही आवंटित 1,700 क्यूसेक के मुकाबले 4,700 क्यूसेक पानी मिल रहा है, अब पंजाब के हक के हिस्से की अतिरिक्त चोरी से लाभान्वित होने वाला है।
यह विवाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा जलाशय से हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने के फैसले से शुरू हुआ, जो अतिरिक्त 4,500 क्यूसेक है।
सीएम मान ने स्पष्ट किया कि हरियाणा पहले ही अपने हिस्से का 103 प्रतिशत इस्तेमाल कर चुका है और चेतावनी दी कि “अगर पंजाब के अधिकारों से इनकार किया गया तो” आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान बीबीएमबी द्वारा हरियाणा को पानी के अनुचित आवंटन के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के अधिकारों को हड़पने से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।