लुधियाना, 14 मई
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाम कसकर राज्य सरकार ने आम लोगों को हो रही अनावश्यक परेशानी और असुविधा को रोका है।
यहां जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने उन राजस्व अधिकारियों पर व्यंग्य कसा, जो सामूहिक छुट्टियों या हड़तालों के बहाने आम आदमी को तंग करते थे। उन्होंने कहा कि अपने पापों के लिए पुलिस कार्रवाई का सामना कर रहे भ्रष्ट अधिकारियों के आगे राज्य सरकार नहीं झुकी। उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार भ्रष्टाचार के विरुद्ध बिल्कुल भी रियायत न बरतने की नीति रखती है, लेकिन विडंबना यह है कि सामूहिक छुट्टियों पर जाकर ये अधिकारी भ्रष्टाचार का लाइसेंस मांग रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं किया गया और इन भ्रष्ट और अहंकारी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव के हथकंडों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया गया और उनके विरुद्ध मिसाल कायम करने वाली कार्रवाई की गई है। भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये अधिकारी रोजाना आम आदमी को परेशान करते हैं, लेकिन अब यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सरकार उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी को परेशान करना किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इन अधिकारियों को उनके पापों के लिए उचित सबक सिखाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भूमि दस्तावेजों के ऑनलाइन पंजीकरण का परीक्षण चल रहा है और इसे जल्द ही पंजाब में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य लोगों को सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में नया मानदंड स्थापित करेगा। इसके लिए लोगों को सेवा केंद्रों में आवेदन करना होगा और रजिस्ट्रियां उनके घर पर ही मिलेंगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह अपनी तरह की पहली विधि पेश करके जमीनों की रजिस्ट्री के काम में क्रांति लाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत गर्व और संतोष की बात है कि राज्य के युवाओं को 54000 से अधिक नौकरियां प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि सभी नौकरियां बिना किसी भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के पूरी तरह योग्यता के आधार पर दी गई हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह युवाओं को पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बना रहा है।