चंडीगढ़, 15 मई, 2025:
पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के सक्षम और दूरदर्शी नेतृत्व में, पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.) राज्य भर में बिजली क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इसका विस्तार करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है। उत्तरी क्षेत्र में वर्ष 2024-25 के दौरान बिजली आपूर्ति, क्षमता वृद्धि और बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं।
यह जानकारी देते हुए आज यहां बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने बताया कि उत्तरी क्षेत्र में चार जिलों होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला और जालंधर को बिजली आपूर्ति की जा रही है। इन जिलों में प्रभावी ढंग से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, इस क्षेत्र में 400 के.वी. के 2 उप-स्टेशन, 220 के.वी. के 15 उप-स्टेशन और 132 के.वी. के 19 उप-स्टेशन हैं। इसके अलावा, 3886.5 एम.वी.ए. की संचित क्षमता वाले 66 के.वी. के 128 उप-स्टेशन हैं।
यह क्षेत्र 1555.091 सर्किट किलोमीटर (सी.के.टी. के.एम.) को कवर करने वाली 66 के.वी. की 179 लाइनों और 2.7 सी.के.टी. के.एम. में फैली 33 के.वी. की 3 लाइनों का भी रखरखाव करता है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान, 11 के.वी. के 2059 फीडरों के माध्यम से कुल 22,42,638 उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की गई। इनमें से, 57 फीडरों को विश्वसनीयता बढ़ाने और ओवरलोडिंग से निपटने के लिए डी-लोड किया गया था। इस जी.ई.एन. (जनरल इलेक्ट्रिकल नेटवर्क) के तहत एच.टी. (हाई टेंशन) लाइनों की लंबाई अब 36,196.45 किलोमीटर है, जो पिछले वर्ष (2023-24) की तुलना में 313.83 किलोमीटर अधिक है।
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली वितरण नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए, क्षेत्र भर में 1,58,043 ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं जिनकी कुल क्षमता 6427.174 एम.वी.ए. है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 177.64 एम.वी.ए. क्षमता वाले 3020 वितरण ट्रांसफार्मरों की वृद्धि दर्शाती है। एल.टी. (लो टेंशन) लाइनों की लंबाई अब 29,686.31 किलोमीटर है, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की सुचारू पहुंच सुनिश्चित करती है।
अपग्रेडेशन के संबंध में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के तहत विभिन्न 66 के.वी. सबस्टेशनों में 2 बिजली ट्रांसफार्मरों की क्षमता 6.3/8.0 एम.वी.ए. से 12.5 एम.वी.ए. बढ़ाई गई है, जबकि 4 ट्रांसफार्मरों की क्षमता 10/12.5 एम.वी.ए. से 20 एम.वी.ए., और 11 ट्रांसफार्मरों की क्षमता 20 एम.वी.ए. से 31.5 एम.वी.ए. तक बढ़ाई गई है। इसके अलावा, बिजली वितरण नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए 1 नया 66 के.वी. सबस्टेशन बनाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आर.डी.एस.एस.) के तहत, उत्तरी क्षेत्र के लिए 844.81 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस आवंटन में 11 के.वी. फीडरों के 109 बाई-कनेक्शन, केबलिंग के 150 कार्य, 150 उच्च-क्षमता वाले कंडक्टरों को अपग्रेड करना, वितरण क्षमता बढ़ाने के लिए 182 नए ट्रांसफार्मर, 4 नए सब-स्टेशनों का निर्माण और 21 नई वितरण लाइनें स्थापित करना शामिल है।
बिजली मंत्री ने कहा कि इन पहलों से बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में महत्वपूर्ण सुधार होने और ट्रिपिंग और कटौती की घटनाओं में कमी आने की संभावना है।