चंडीगढ़, 23 मई
भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि मानवता के खिलाफ इस जघन्य अपराध में शामिल किसी भी अधिकारी या राजनेता को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी अमीर क्यों न हो।
लोगों को संदेश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "आज की कार्रवाई एक बार फिर स्पष्ट संदेश है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस अभियान में किसी को भी चुना नहीं जा सकता।"
मुख्यमंत्री की यह प्रतिक्रिया विजिलेंस ब्यूरो द्वारा जालंधर सेंट्रल से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक रमन अरोड़ा (54) को नगर निगम के पूर्व सहायक टाउन प्लानर सुखदेव वशिष्ठ से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद आई है, जिन्हें पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी या विपक्ष से जुड़े होने मात्र से अधिकारी या नेता को भ्रष्टाचार का लाइसेंस नहीं मिल जाता, उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई करेगी।
मान ने कहा कि भ्रष्टाचार में किसी भी तरह की संलिप्तता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस पाप में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई रहम नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 2022 में पदभार संभाला है और तब से भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम शुरू की है।
मान ने कहा कि उन्होंने लोगों को गारंटी दी है कि सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि भ्रष्टाचार की दीमक ने व्यवस्था को खोखला कर दिया है और इस अपराध में शामिल लोगों ने करदाताओं के पैसे को बेरहमी से लूटा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लड़ाई भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ है, किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं। उन्होंने कहा कि यह तब तक जारी रहेगी जब तक इसे पूरी तरह से खत्म नहीं कर दिया जाता।
मान ने कहा कि सरकार सत्ता का दुरुपयोग करने वालों द्वारा व्यापारियों और दुकानदारों की खुली लूट और अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके ताकतवर राजनेताओं द्वारा निर्दोष लोगों को ब्लैकमेल करने और उनसे पैसे ऐंठने पर मूकदर्शक नहीं बनी रह सकती।