नई दिल्ली, 28 जुलाई
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि दो रक्तचाप की दवाओं वाली एक ही गोली का उपयोग दक्षिण एशियाई लोगों, विशेषकर भारतीयों में उच्च रक्तचाप के इलाज का एक सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी तरीका है।
सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल (सीसीडीसी) और इंपीरियल कॉलेज लंदन, यूके के साथ साझेदारी में किए गए इस अध्ययन में तीन व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली दवाओं के संयोजनों की तुलना की गई: एम्लोडिपिन प्लस पेरिंडोप्रिल, एम्लोडिपिन प्लस इंडैपामाइड, और पेरिंडोप्रिल प्लस इंडैपामाइड।
दक्षिण एशियाई लोगों के बीच तीन अलग-अलग दो दवाओं के संयोजन वाली गोलियों का परीक्षण करने वाले पहले यादृच्छिक परीक्षण में भारत के 32 अस्पतालों में अनियंत्रित उच्च रक्तचाप वाले 1,200 से अधिक मरीज शामिल थे।
नेचर मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में खुलासा हुआ है, "तीनों संयोजन रक्तचाप को कम करने में समान रूप से कारगर रहे और मरीजों के लिए सुरक्षित थे।"
निष्कर्षों से पता चला कि दोनों दवाओं के संयोजन से 6 महीने बाद रक्तचाप में उल्लेखनीय गिरावट आई - 24 घंटों में मापने पर लगभग 14/8 mmHg और क्लिनिक में लगभग 30/14 mmHg।
एम्स दिल्ली में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. अंबुज रॉय ने कहा, "लगभग 70 प्रतिशत रोगियों का रक्तचाप नियंत्रण में आ गया, जो वर्तमान राष्ट्रीय औसत से बहुत बड़ा सुधार है। और गोलियाँ सुरक्षित और उपयोग में आसान थीं। यह अध्ययन बेहतर उच्च रक्तचाप देखभाल के लिए स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करता है।"