नई दिल्ली, 12 अगस्त
मंगलवार को हुए एक अध्ययन के अनुसार, डिमेंशिया से ग्रस्त बिल्लियों के मस्तिष्क में अल्ज़ाइमर रोग से ग्रस्त मनुष्यों जैसे ही परिवर्तन होते हैं, जो इस स्थिति के अध्ययन के लिए एक मूल्यवान मॉडल प्रस्तुत करता है।
ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस स्थिति से ग्रस्त बिल्लियों के मस्तिष्क में विषैले प्रोटीन एमिलॉइड-बीटा के जमाव की खोज की है - जो अल्ज़ाइमर रोग की एक विशिष्ट विशेषता है।
कई वृद्ध बिल्लियों में डिमेंशिया विकसित हो जाता है, जिसके कारण व्यवहार में परिवर्तन जैसे कि आवाज़ का अधिक निकलना - या म्याऊँ करना - भ्रम और नींद में खलल - अल्जाइमर रोग से ग्रस्त लोगों में देखे जाने वाले लक्षणों के समान लक्षण दिखाई देते हैं।
विश्वविद्यालय के डिस्कवरी ब्रेन साइंसेज केंद्र के संवाददाता लेखक रॉबर्ट आई. मैकगीचन ने कहा, "ये निष्कर्ष इस बात की स्पष्ट तस्वीर पेश करते हैं कि कैसे एमिलॉइड बीटा बिल्लियों में उम्र से संबंधित मस्तिष्क संबंधी शिथिलता और स्मृति हानि का कारण बन सकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "अल्ज़ाइमर रोग का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने अतीत में आनुवंशिक रूप से संशोधित कृंतक मॉडलों पर काफ़ी भरोसा किया है। कृंतकों में स्वाभाविक रूप से मनोभ्रंश विकसित नहीं होता है, और मनोभ्रंश से ग्रस्त बिल्लियों का अध्ययन ज्ञान को आगे बढ़ाने और बिल्लियों व मनुष्यों, दोनों के लिए उपचार विकसित करने में मदद कर सकता है।"
टीम ने अलग-अलग उम्र की 25 बिल्लियों के मस्तिष्क की जाँच की, जिनमें मनोभ्रंश के लक्षण वाली बिल्लियाँ भी शामिल थीं।