नई दिल्ली, 24 नवंबर
एक नए अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले हृदयाघात जाँच उपकरण हृदयाघात के वास्तविक जोखिम वाले 45 प्रतिशत लोगों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं।
अमेरिका में माउंट सिनाई के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन ने रोगी देखभाल में एक बड़ी खामी को उजागर किया और दिखाया कि केवल जोखिम स्कोर और लक्षणों पर निर्भर रहने से हृदयाघात के जोखिम को रोकने में मदद नहीं मिल सकती है।
JACC: Advances में एक संक्षिप्त रिपोर्ट में प्रकाशित परिणामों ने चुपचाप बनने वाले प्लाक पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
माउंट सिनाई के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में मेडिसिन (कार्डियोलॉजी) के क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर और संबंधित लेखक अमीर अहमदी ने कहा, "हमारा शोध दर्शाता है कि जनसंख्या-आधारित जोखिम उपकरण अक्सर कई व्यक्तिगत रोगियों के लिए वास्तविक जोखिम को दर्शाने में विफल रहते हैं।"