क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को युक्तिसंगत बनाने से सरकार पर कोई खास राजकोषीय बोझ नहीं पड़ेगा।
सरकार ने जीएसटी सुधारों के कारण अल्पावधि में राजस्व में 48,000 करोड़ रुपये का वार्षिक शुद्ध घाटा होने का अनुमान लगाया है।
क्रिसिल रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में कुल जीएसटी संग्रह 10.6 लाख करोड़ रुपये था; इसलिए, यह घाटा ज्यादा नहीं लगता।