चेन्नई, 23 सितम्बर
केंद्रीय वित्त सचिव और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टी.वी. सोमनाथन ने शनिवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) लेखा परीक्षकों और लेखाकारों द्वारा किए जा रहे काम की जगह ले सकता है।
वह यहां सीए एस हरिहरन मेमोरियल लेक्चर दे रहे थे।
सोमनाथन ने कहा कि एआई का अर्थव्यवस्था पर विशिष्ट प्रभाव है और उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ व्यापार प्रक्रिया के लिए स्वचालन इसके बिना कहीं अधिक शक्तिशाली हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यह काफी हद तक उस काम की जगह ले सकता है जो लेखा परीक्षकों और लेखाकारों द्वारा किया जा रहा था।
वित्त सचिव ने यह भी कहा कि वह भारतीय अर्थव्यवस्था में ऋण देने के विस्तार की उम्मीद कर सकते हैं।
टीवी सोमनाथन ने कहा, "भारत में निजी क्षेत्र को दिया जाने वाला ऋण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 55 प्रतिशत है, जबकि चीन में यह 180 प्रतिशत से ऊपर है। मैं यह नहीं कहूंगा कि चीनी स्तर स्वस्थ या वांछनीय है.. ऐसा नहीं है। यह नहीं है।" हमें एक लक्ष्य देखना चाहिए, लेकिन कोई यह तर्क दे सकता है कि भारत का स्तर बहुत कम है। इसे सकल घरेलू उत्पाद के 100-120 प्रतिशत तक बढ़ना होगा जिससे निवेश और विकास में तेजी आएगी।''
उन्होंने कहा, "जो परियोजनाएं शुरू नहीं होंगी वे पर्याप्त ऋण मिलने पर शुरू हो जाएंगी। लेकिन चुनौती खराब ऋणों के बिना ऋण की मात्रा का विस्तार करना है, जिसे हम विनम्रता से एनपीए कहते हैं। ऋण के इस विस्तार से अकाउंटेंट की मांग बढ़ेगी।"
केंद्रीय वित्त सचिव ने यह भी कहा कि आने वाले समय में भारत में आयकर दाताओं की संख्या आने वाले कई वर्षों तक लगातार बढ़ती रहेगी। उन्होंने कहा कि उन्हें आयकर दाताओं की संख्या में सालाना 6-7 फीसदी का इजाफा देखने को मिल सकता है और इससे अच्छे अकाउंटेंट की मांग बढ़ेगी।