शिमला, 27 मई
चूंकि पहाड़ी राज्य की लगभग 70 प्रतिशत आबादी भूकंप-संवेदनशील जोन चार और पांच में रहती है और अन्य प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं के प्रति भी संवेदनशील है, इसलिए हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) 6 जून को सभी 12 जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से नौवां राज्यव्यापी भूकंप मॉक अभ्यास आयोजित करेगा, अधिकारियों ने मंगलवार को बताया।
इस अभ्यास के लिए यहां सभी हितधारकों के लिए एक अभिविन्यास और समन्वय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने वर्चुअल रूप से भूकंप पर आधारित मेगा मॉक अभ्यास की रूपरेखा और कार्य योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस कार्यशाला में उपायुक्तों, जिला आपदा प्रबंधन दल के सदस्यों और उप-मंडल स्तर के अधिकारियों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।
बहल ने कहा कि मेगा मॉक अभ्यास का उद्देश्य भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न विभागों, एजेंसियों और लोगों के बीच समन्वय और तत्परता का परीक्षण और उसे मजबूत करना है।
मॉक एक्सरसाइज के दौरान आपातकालीन सेवाओं की कार्यप्रणाली, राहत एवं बचाव कार्यों तथा संसाधनों की उपलब्धता का व्यवहारिक परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मॉक एक्सरसाइज के मद्देनजर टेबलटॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी, जिसके लिए सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों और नोडल अधिकारियों को अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि जिला और उपमंडल स्तर के अधिकारी वर्चुअल मोड के माध्यम से एक्सरसाइज में भाग लेंगे। बहल ने कहा कि यदि राज्य इस मेगा मॉक एक्सरसाइज के माध्यम से भूकंप से निपटने के लिए खुद को तैयार कर लेता है, तो अन्य आपदाओं के लिए भी तैयारी अपने आप हो जाएगी। निदेशक एवं विशेष सचिव (राजस्व एवं आपदा) डी.सी. राणा ने एचपीएसडीएमए द्वारा राज्यव्यापी मॉक एक्सरसाइज के लिए की जा रही तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसएमडीएएमए और एनडीएमए के संयुक्त प्रयासों से मॉक एक्सरसाइज राज्य में आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, क्योंकि इससे राज्य तैयारियों की समीक्षा कर सकेगा और अन्य आपदाओं से निपटने की क्षमता भी मजबूत होगी।