कोलकाता, 6 जून
पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चंदननगर में शुक्रवार को एक परिवार के तीन सदस्यों ने नींद की गोलियों की भारी खुराक खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
पहले ही मां सुनीता दास (83) को मृत घोषित कर दिया गया है। पिता एकेंद्रनाथ दास (87) और उनकी बेटी शर्मिष्ठा दास (43) का फिलहाल चंदननगर के एक स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। चंदननगर पुलिस आयुक्तालय के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि बेटी अब पूरी तरह खतरे से बाहर है, जबकि पिता भी तेजी से ठीक हो रहे हैं।
शुरुआती जांच और बेटी द्वारा पुलिस को दिए गए बयान से पता चला है कि हालांकि वे एक समय में अच्छी आर्थिक स्थिति में थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से परिवार के तीन सदस्य गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे थे।
शर्मिष्ठा दास द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, इसलिए उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला किया और इसलिए नींद की गोलियों की अधिक खुराक खा ली। हालांकि, पुलिस ने नियमानुसार मामले की नियमित जांच शुरू कर दी है। बाद में, उन्होंने मीडियाकर्मियों के एक वर्ग को भी यही कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, "हम पिछले कुछ महीनों से गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। हमारे पास घरेलू नौकर रखने या इलाज कराने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए हमने नींद की गोलियां खाकर अपनी जान देने का फैसला किया।
" मृतक सुनीता दास के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम की पूरी रिपोर्ट आने के बाद उसकी मौत के पीछे के कारणों का पता लगाया जाएगा। पता चला है कि तीनों सदस्यों के शव उनके घर पर बेसुध हालत में एक पड़ोसी ने देखे थे। स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचना दी गई और पुलिस ने उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल के अधिकारियों ने मां को जल्द ही मृत घोषित कर दिया और डॉक्टरों ने पिता और बेटी का तुरंत इलाज शुरू कर दिया। उनके पड़ोसियों ने बताया कि संभवतः वित्तीय संकट के कारण दास परिवार के सदस्य पिछले कुछ वर्षों में अत्यंत असामाजिक हो गए थे तथा स्थानीय लोगों से भी बहुत कम बातचीत करते थे।