चंडीगढ़, 12 जून
कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के अफीम और भुक्की के ठेके खोलने वाले बयान की आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने कड़ी आलोचना की और कांग्रेस नेताओं पर नशे को बढ़ावा देने आरोप लगाया।
आप नेता बलतेज पन्नू ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के बयानों से स्पष्ट होता है कि वे नहीं चाहती कि पंजाब से नशा खत्म हो। वे लोगों को एक नशा छुड़ाकर दूसरा नशा पकड़ाना चाहते हैं, जबकि उन्हें पता है कि आप सरकार पंजाब से नशा को जड़ से खत्म करने के लिए पिछले दो महीने से निर्णायक लड़ाई लड़ रही है।
पन्नू ने सवाल उठाया कि यह समझ से परे है कि कांग्रेस नेता पंजाब सरकार के युद्ध नशयां विरूद्ध' अभियान को कमजोर क्यों करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि नशा का विकल्प नशा नहीं हो सकता। शायद राजा वड़िंग को नशे से संबंधित कोई निजी तजुर्बा हो, इसलिए वह पंजाब में जगह जगह अफीम के ठेके खोलना चाहते हैं।
बलतेज पन्नू ने वड़िंग से सवाल किया कि आप अफीम और भुककी को लीगल करना चाहते हैं या पंजाब में नशे का दरिया बहाकर रखना चाहते हैं। क्या आप लोग पंजाबियों को विश्व स्तर पर यह साबित करना चाहते हैं यह क़ौम नशेड़ी हैं? ठेके खोलने की बात तो यह साबित करना है कि पंजाब के लोग नशे के बिना नहीं रह सकतें। इसलिए कांग्रेस पार्टी को अपने नेताओं के बयान पर लगाम लगाना चाहिए और उन्हें नशे को बढ़ावा देने वाले बयान बंद करना चाहिए।
पंजाब के युवाओं को नशे की नहीं, शिक्षा और रोजगार की जरूरत है - नील गर्ग
आप प्रवक्ता नील गर्ग ने भी राजा वड़िंग के बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता लगातार नशे को बढ़ावा देने वाली बातें कर रहे हैं क्योंकि वे समस्या को सुलझाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि पंजाब के युवाओं को नशे की नहीं, उन्हें शिक्षा और रोजगार की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि जब नौजवानों को अच्छी शिक्षा और बेहतर नौकरी मिलेगी तो वे खुद ब खुद नशे से दूर हो जाएंगे। आप सरकार इससे वाकिफ है इसलिए हम नशे को लेकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं और नौजवानों को रोजगार भी दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब तो इस तरह की बयानबाजी होनी भी नहीं चाहिए क्योंकि पिछले 20 सालों के दौरान हमारी दो पीढ़ियां नशे का शिकार हो चुकी है। हजारों घर तबाह हो गए।
नशा ने पंजाब को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक हर तरह से चोट पहुंचाई है एवं इसके कारण हमारी छवि भी खराब हुई। नशे के डर से हजारों लोगों ने अपने बच्चों को विदेश भेज दिया क्योंकि यहां उनके नशे के जाल में फंसने का डर था। इसलिए हम सबको मिलकर इस तबाही से पंजाब को बाहर निकालना चाहिए और इस तरह के बयानबाजी से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि नशे का अंजाम अंततः बुरा ही होता है।