अहमदाबाद, 16 जून
दुर्घटना के कारण का पता लगाने में अहम भूमिका निभाने वाले दूसरे ब्लैक बॉक्स के बरामद होने के बाद जांचकर्ताओं ने एयर इंडिया दुर्घटना मामले की जांच तेज कर दी है।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर), जिसे आमतौर पर दूसरा ब्लैक बॉक्स कहा जाता है, को मलबे के कॉकपिट सेक्शन से बरामद किया गया।
यह विमान के पिछले हिस्से से फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) बरामद होने के कुछ दिनों बाद हुआ है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) कॉकपिट के अंदर की सभी आवाजों को रिकॉर्ड करता है, जिसमें पायलटों के बीच बातचीत, रेडियो प्रसारण, अलार्म की आवाजें और दुर्घटना से पहले अंतिम क्षणों में होने वाली कोई भी पृष्ठभूमि की आवाज शामिल है।
यह जांचकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, क्योंकि यह चालक दल के निर्णय लेने की प्रक्रिया को फिर से बनाने, संभावित मानवीय त्रुटियों या यांत्रिक चेतावनियों की पहचान करने और घटनाओं के अनुक्रम को निर्धारित करने में मदद करता है, जिसके कारण विमानन दुर्घटना हुई।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के अधिकारियों ने निष्कर्षों की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों उपकरणों का विश्लेषण किया जा रहा है। सीवीआर से उड़ान के अंतिम क्षणों में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है, जिसमें पायलट संचार और कॉकपिट की आवाज़ें शामिल हैं, जो जांचकर्ताओं को त्रासदी की ओर ले जाने वाली घटनाओं की श्रृंखला को एक साथ जोड़ने में मदद कर सकती हैं।