पटना, 18 जुलाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), पटना क्षेत्रीय कार्यालय ने सागर यादव और उनकी कोलकाता स्थित कंपनियों मेसर्स स्क्रैपिक्स कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कैसानोवस रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित फर्जी कॉल सेंटरों से जुड़े एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी मामले में लगभग 2.83 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क की हैं। यह जानकारी शुक्रवार को जांच एजेंसी की ओर से जारी एक बयान में दी गई।
कुर्की की गई संपत्तियों में ज़मीन के टुकड़े, फ्लैट, सावधि जमा आदि शामिल हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई।
ईडी ने आयरलैंड के राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (एनसीबी) से प्राप्त आयरिश नागरिक सुश्री कार्मेल फॉक्स पर साइबर धोखाधड़ी की सूचना के आधार पर मामले की जांच शुरू की, जिसे सीबीआई ने अग्रेषित किया था।
ईडी के पटना क्षेत्रीय कार्यालय ने इस मामले में एक ईसीआईआर दर्ज करके जाँच शुरू की क्योंकि यह मामला "सीमा पार संलिप्तता" के अपराध की श्रेणी में आता था, क्योंकि अपराध एक विदेशी देश में किया गया था और बाद में अपराध की आय (पीओसी) भारत में स्थानांतरित कर दी गई थी।
ईडी की जाँच से पता चला कि व्यक्तियों का एक समूह फर्जी कॉल सेंटर स्थापित करके विदेशी नागरिकों के साथ साइबर धोखाधड़ी कर रहा था और साइबर धोखाधड़ी के ऐसे कृत्यों से उत्पन्न पीओसी को वेस्टर्न यूनियन/मनीग्राम, रीवायर, रेमिटली और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भारत में लाया जाता था और फिर लेंडेन क्लब, लेंडबॉक्स, लिक्विलोन्स आदि जैसे ऐप्स के माध्यम से धन शोधन के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
अब तक, ईडी ने सरगना सागर यादव सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है और उसके, उसकी फर्मों और सहयोगियों के खिलाफ एक आरोप पत्र और दो पूरक आरोप पत्र दायर किए हैं।
ईडी के अनुसार, आगे की जाँच से पता चला कि मेसर्स स्क्रैपिक्स कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कैसानोवस रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर दो अचल संपत्तियाँ खरीदी गईं, जिनका विक्रय मूल्य पीओसी के माध्यम से चुकाया गया।
लगभग 2.67 करोड़ रुपये मूल्य की इन अचल संपत्तियों को अस्थायी कुर्की के तहत रखा गया है। सावधि जमा (एफडी) के रूप में लगभग 15.75 लाख रुपये मूल्य की चल संपत्तियों को भी अस्थायी कुर्की के तहत रखा गया है।
आगे की जाँच जारी है।