नई दिल्ली, 11 अगस्त
सोमवार को हुए एक चौंकाने वाले अध्ययन के अनुसार, जिन महिलाओं का पीछा किया गया है, उनमें हृदय रोग और स्ट्रोक होने की संभावना 40 प्रतिशत से ज़्यादा है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र द्वारा एकत्रित अंतरंग साथी हिंसा के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 3 में से 1 महिला अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर पीछा किए जाने का शिकार हुई है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की प्रमुख पत्रिका 'सर्कुलेशन' में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के सामान्य रूपों, जैसे पीछा करना या पीछा करने से होने वाले उत्पीड़न के व्यवहार, जैसे कि अनचाहे पत्र प्राप्त करना, जो उन्हें भयभीत करते हैं, पर हृदय संबंधी शोध में शायद ही कभी चर्चा की जाती है।
अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय और कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया, "पीछा करने और हृदय रोग के बीच संबंध मनोवैज्ञानिक तनाव के कारण हो सकता है, जो तंत्रिका तंत्र को बाधित कर सकता है, रक्त वाहिकाओं के समुचित कार्य को बाधित कर सकता है और अन्य जैविक तंत्रों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।"
उल्लेखनीय रूप से, अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन महिलाओं ने सुरक्षा के लिए निरोधक आदेश प्राप्त किया था, उनमें हृदय रोग विकसित होने का जोखिम 70 प्रतिशत बढ़ गया था।